Tuesday, December 19, 2017

किताब लोकार्पण के दिन दूर नहीं



कौशलेंद्र प्रपन्न
विश्व पुस्तक मेला आने वाला है। बल्कि तारीख भी तय है। 6 से 14 जनवरी। मेल, व्टास्एप, मेसेज आदि से नई नई किताबों की सूचनाएं आने लगी हैं।
कोई अपनी कविता संग्रह, कोई कहानी संग्रह,उपन्यास, निबंध आदि लेकर आ रहे हैं। एक सुखद घटना है। कम से कम लोग साल भर लग कर किताब लिख रहे हैं।
किताबें लिखी जा रही हैं। किताबें छप भी रही हैं। पाठक भी तो आस-पास ही हैं। कुछ खरीद कर पढ़ने वाले हैं तो कुछ उपहार में मिली किताब को अपनी आलमारी में रखने के लिए उतावले हैं। सबके अपने अपने पसंद और रूचियां हैं। वे उस किताब को जरूर खरीद कर पढ़ने वाले हैं।
आलोचक, समीक्षक, वाचक भी तैयार हैं। जैसे ही उन्हें किताब मिलेगी वो शुरू हो जाएंगे। पढ़ना, लिखना और बोलना तीनों कौशल की शुरुआत हो जाएगी।
कुछ की किताबें पत्रिका,अख़बार आदि में दो कॉलम, तीन कॉलम या फिर तीन पेज की जगह पा जाएंगी। जो समीक्षा से बाहर रह जाएंगी वो अपनों के बीच पढ़ी और चर्चा में शामिल होंगी।
से तैयार हो जाइए। पुस्तक मेला और किताबों के लोकार्पण समारोह में। आइएगा जरूर। क्या पता आपको अपने पसंद की किताब हाथ लग जाए।

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