Tuesday, April 28, 2009

कूड़ा आप लिखें

क्या यह ज़रूरी है की जो भी कूड़ा आप लिखें उसे पढने वाला मिले ही नही बिल्कुल नही सो चिंता किस बात की लिखते जावो लिखने की सच्ची भावना से। अगर यह लालसा मन में होगी तो पाठक न मिलने पर दुःख होना निश्चित है। तो कुछ लोगो को बिना इसकी परवाह किए की कोई पढेगा भी बस लिखना जारी रखना चाहिए।
तभी तो हिम्मत कर के लंबे समय के बात पोस्ट कर रहा हूँ।

शिक्षकीय दुनिया की कहानी के पात्र

कौशलेंद्र प्रपन्न ‘‘ इक्कीस साल के बाद पहली बार किसी कार्यशाला में बैठा हूं। बहुत अच्छा लग रहा है। वरना तो जी ...