Friday, April 6, 2018

इमोशन को मैनेज करो साहब


कौशलेंद्र प्रपन्न
आज की तारीख़ी हक़ीकत है कि लोग अपने इमोशन को मैनेज नहीं कर पाते। आप भी तो नहीं कर पाते होंगे। और परिणाम यह होता है कि कोई न कोई मुंह फुला लेता है। वह चाहे घर के लोग हों या फिर ऑफिस या फिर यार दोस्त। रूठे हुए को मनाना भी मैनेजमेंट का एक हिस्सा है। लेकिन अफ्सोस कि इमोशन को हम मैनेज करने के लायक ही नहीं मानते।
मार्केट मैनेज होते हैं। वोट मैनेज होते हैं। लेग मैनेज होते हैं और प्रोजेक्ट भी। ख़ास बात यह है कि हम अपने इमोशन को कई बार समझ ही नहीं पाते कि हम क्या चाहते हैं। क्या चाहते हैं अपनी ज़िंदगी से और क्या अपेक्षा रखते हैं रिश्तों से। जब हम यह समझ लेंगे कि फलां की आपसे क्या उम्मीद है और आप उसे कैसे पूरा कर सकते हैं तब हमें औरों की अपेक्षाएं भी पूरी करने में दिक्कतें नहीं आएंगे।
दरअसल हम लोगों की अपेक्षाओं में खुद को ऑल्टर करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि सभी की नज़रों में अच्छा अच्छा बने रहें। जो संभव नहीं है। एक मैनेजर कभी भी सभी के लिए अच्छा नहीं हो पाता। यदि वह मैनेजमेंट की बेहतरी चाहता है। यदि कंपनी या प्रोजेक्ट की बेहतरी चाहता है और समय पर पूरा करना चाहता है तो उसे कई बार कठोर कदम उठाने ही पड़ते हैं। संभव है उसके निर्णय से कुछ लोगों के सपने बिखर जाएं। लेकिन वह बड़े लक्ष्य और सफलता की ओर दृष्टि रखता है। इसलिए कई बार प्रोजेक्ट को सफल करने के लिए कठोर और बने बनाने रास्ते से हट कर भी निर्णय लेता है। ठीक उसी तरह हमें अपने कई इमोशन पर कठोरता से निर्णय लेने की आवश्यकता पड़ती है। यदि हम अपने इमोशन की प्रकृति को समझ लें तो उसे मैनेज करना आसान हो जाता है।
फ़र्ज कीजिए आपको किसी से इमोशनली अटैच्मेंट हो गया है। व हो गया था। यदि अतीत में ही अटके रहेंगे तो आगे नहीं बढ़ सकते। दरअसल इमोशनल कंफ्लिक्ट यहीं शुरू होता है। आप चाहते हैं कि दोनों ही रिश्ते को खुश खुश रखें। मगर बीच में मूल्य, नैतिकता, धार्मिक आस्था आदि आ जाती हैं जो आपके मूल्य और रिश्तों को सुलझाने की बजाए और पेचिंदा कर देती हैं।
पहली बात तो यही कि आप रिश्ते से क्या चाहते हैं? क्या अपेक्षा है? और किस हद तक अपनी ज़िंदगी को सहज जीना चाहते हैं। यदि आपने रिश्तों की मांगों और उष्मा को संभालना सीख गए तो कभी भी जीवन में तनाव और द्वंद्व पैदा नहीं होगा। कहेंगे कहना कितना आसान है और जीना कितना मुश्किल। लेकिन कठिन नहीं है। इमोशन को मैनेज कर पाए तो लाइफ में आप या कि हम काफी सहज रह सकेंगे।

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