Thursday, September 7, 2017

तुम याद आते हो

सिर के उपर कोई हवाई जहाज गुजरता है
तो तुम याद आते हो,
जब कभी मुंह में खुजली होती है
तब तुम याद आते हो।
जहां कहीं भी जन सैलाब दिखाई देता है
तब हाथ फैलाए,
तुम याद आते हो,
तुम्हारी याद खूब सताती है,
जब कभी देखता हूं किसी को माईक पकड़े
कह रहा होता है....।
न जानें क्यों तुम्हारी याद आती है,
जब कभी कोई आईजीआई की ओर भाग रहा होता है,
तुम्हारी तो याद तब भी आती है,
जब चुडीदार पाजामा,
रंगबिरंगी कुर्ता पहन पग बांधे
मुसकी मार रही होता है।
कभी कभी सोचकर हैरान होता
कि तुम रात में सोते भी हो या नहीं,
कहीं रात बिरात उठ कर,
माईक तो नहीं पकड़ने लगते हो।

2 comments:

Unknown said...

बहुत खूब

Unknown said...

बहुत खूब

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