Monday, February 26, 2018

प्रिये बच्चों (अकाल मौत के शिकार) !!!


प्रिये बच्चों (अकाल मौत के शिकार) !!!
नमन।
क्षमा के साथ यह फोटो साझा कर रहा हूं।
ग़मज़दा हूं। दुखी भी। दोनों ही मौतें हैरान और दुखी करने वाली हैं। एक ओर फिल्मी अदाकारा श्रीदेवी की असामयिक मृत्यु और दूसरी तरफ तुम बच्चों की अकाल मृत्यु। ग़लत समय में मरे तुम। समय का चुनाव सही नहीं था। जब श्रीदेवी की मौत हुई तब तुम्हें नहीं मरना था। समय सही चुनते तो शायद तुम्हारी मौत पर भी कुछ लोग, लोकतंत्र के पहरूएं कुछ संवेदना बयां करते। समाज के राजनीतिक हस्तिष्यां कुछ लिखतीं और बोलतीं। मगर तुम एक साधारण परिवार में जन्मे। साधारण से राज्य के एक शहर मुज़फ्फरपुर के सरकारी स्कूल में पढ़ते थे। मरना ही था तुम्हें। ट्रक या कोई भी वाहन आसानी से कुचल कर भाग सकती है। जो भाग गई। जिस राज्य में तुमने सांसें लीं। जन्म लिए। पढ़ने का हौसला रखा उस राज्य के मुखिया ने एक शब्द भी तुम्हारी मौत पर नहीं कहा। लेकिन अदाकारा की मौत पर मरसिया ज़रूर पढ़ आए।
तुम्हारी मौत भी असामयिक ही थी। बल्कि ज़्यादा दर्दनाक। सड़क पर तुम छटपटाते रहे होगे। लेकिन मालूम नहीं तुम्हारी सहायता के लिए कितने लोग आए होंगे। लेकिन उधर उनकी मौत पर लोकतंत्र के तीनों प्रमुखों ने अपनी गहरी संवेदना अभिव्यक्त की। उन्हें शायद यह ख़बर भी न मिली हो। क्यांकि तुम्हारी मौत से ठीक बाद उनकी मौत की ख़बर आ गई। निश्चत ही दूसरी वाली ख़बर बडी और वजनी थी। उस ख़बर की रफ््तार में तुम्हारी मौत की ख़बर पिछड़ गई। मुझे अब तक नहीं मालूम कि उस राज्य के शिक्षामंत्री, गृह राज्यमंत्री या किसी अधिकारी ने अपनी संवेदना प्रकट की है। बच्चों तुम्हें तो मरना ही था। या तो अकाल मृत्यु के शिकार होते या फिर भूख से मरते। यदि इन सब से बच भी जाते तो तुम्हें हम जीवन भर मारते रहते। तरीके कुछ भी हो सकते थे।
अब तो लगता है मरना और मौत भी फैशनेबल होनी चाहिए। जब आप मरें तो वह वक़्त भी माकूल हो। कोई बड़ा व्यक्ति न मरा हो। बजट का मौसम न हो। कोई बड़ी घटना न घटी हो। तब तो मरना फलेगा वरना मरे भी और चर्चा भी न हो। यह भी मरना कोई मरना है। बच्चों तुम तो तभी चर्चा में रहते हो जब या तो स्कूल में मरते हो, खाकर मरते हो, शौचालय में हत्या हो जाती है, या फिर मास्टर की मार से मरते हो। पूरी मीडिया तुम्हारी मौत पर मातम मनाती है। नागर समाज भी मोमबत्तियां लेकर कर शहर शहर, नगर नगर घूमते हैं।

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