Friday, July 28, 2017

पठन संस्कृति प्रोन्नयन के 60 वर्ष पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी





‘हर हाथ ,एक किताब’ : राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ,भारत
के अध्यक्ष बल्देव भाई शर्मा

कौशलेंद्र प्रपन्न
 वैसे तो न्यास की स्थापना के 60 वर्श पर देशभर में सालभर कई आयेजन किए जाएंगे, लेकिन स्थापना की तिथि यानि 01 अगस्त को नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में दो दिवसीय राश्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन विशेष उल्लेखनीय है। साथ ही हर वर्ष की भांति स्थापना दिवस व्याख्यान का आयोजन भी किया जा रहा है। दो दिवसीय गोष्ठी का विषय है - भारतीय साहित्य में राष्ट्रीयता का बोध। इसका शुभारंभ 01 अगस्त 2017 को माननीय केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर करेंगे और अध्यक्षत प्रख्यात लेखिका और गोवा की राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा करेंगी। इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रख्यात लेखक व चिंतक डॉ. कृष्ण गोपाल जी और विशिष्ठ अतिथि डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री, कुलपति , केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला होंगे। न्यास के अध्यक्ष श्री बल्देव भाई शर्मा बीज वक्तव्य प्रस्तुत करेंगे।
दो दिवसीय गोष्ठी छह सत्रों में विस्तारित है। 02 अगस्त 2017 को षाम 4.30 बजे समापन सत्र में मुख्य अतिथि डॉ महेन्द्रनाथ पांडे, राज्य मंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्रालय होंगे। इस अवसर पर मुख्य वक्ता श्री रंगाहरि जी, प्रख्यात लेखक व विचारक तथा अध्यक्ष डॉ नरेन्द्र कोहली होंगे।  01 अगस्त 20117 की शाम 6.30 बजे ‘स्थापना दिवस व्याख्यानमाला’ में मुख्य वक्ता प्रो. मकरंद आर.परांजपे होंगे। इस अवसर पर  डॉ विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, अध्यक्ष साहित्य अकादमी, अध्यक्षता करेंगे और जाने माने विचारक व चिंतक जे. नंदकुमार का सान्निध्य होगा।
01 अगस्त को उद्घाटन के तत्काल बाद पहले सत्र का विशय है-साहित्य में स्वदेश-भाव। इस सत्र का अध्यक्षता प्रख्यात नृत्यांगना सुश्री सोनल  मानसिंह करेंगी। इस सत्र में वक्ता हैं :प्रेम शंकर त्रिपाठी (कोलकाता),अग्नि शेखर (जम्मू-कश्मीर) और डॉ. अवनिजेश अवस्थी, दिल्ली । दूसरा सत्र दिन 2.30 बजे प्रारंभ होगा जिसका विषय होगा -  बाल मनः लेखन की चुनौतियां । इस सत्र का अध्यक्षता इंदौर से आने वाले ‘देवपुत्र’ पत्रिका के संपादक श्री कृष्ण कुमार अष्ठाना होंगे। इसके वक्ता हैं : श्री प्रकाश मनु, डॉ. क्षमा शर्मा और डॉ दर्शन सिंह आश्ट। ‘‘ अस्मिता के प्रश्न और राष्ट्रीयता’’ विषय पर तीसरा सत्र शाम 4.30 बजे से होगा, जिसकी अध्यक्षता डॉ कमल किशोर गोयनका करेंगे। अन्य वक्ता हैं- चंद्र प्रकाश द्विवेदी,सुश्री चित्रा मुद्गल और डा निरंजना महंत बेजबरूआ।
दिनांक 02 अगस्त को चौथा सत्र प्रातः 10.00 प्रारंभ होगा जिसका विषय है - जनजातीय साहित्य : परिधि से केंद्र की ओर । इस सत्र का अध्यक्षता  प्रो. नंदकिशोर पांडं करेंगे जबकि वक्ता होंगे - प्रो. टी.वी. कट्टीमणि, अशोक भगत और रूद्रनारायण पाणिग्रही। ‘‘लोक साहित्य में भारत’’ विषय के पांचवे सत्र की अध्यक्षता डॉ. देवेन्द्र दीपक करेंगे और वक्ता होंगे- श्रीराम परिहार, सुश्री मालिनी अवस्थी और यतीन्द्र मिश्र। छठा सत्र ‘‘राष्ट्रीय जागरण और महिला लेखन’’ पर होगा, जिसमें सुश्री मालती जोशी की अध्यक्षता में सुश्री ऋता श्ुक्ल, सुश्री नीरजा माधव और सुश्री अद्वेता काला वक्ता होंगी।
विचार गोष्ठी के दौरान न्यास द्वारा सद्यप्रकाशित कई पुस्तकों का विमोचन भी होगा।

No comments:

शिक्षकीय दुनिया की कहानी के पात्र

कौशलेंद्र प्रपन्न ‘‘ इक्कीस साल के बाद पहली बार किसी कार्यशाला में बैठा हूं। बहुत अच्छा लग रहा है। वरना तो जी ...