Thursday, January 14, 2010

घरघुसना

घरघुसना से कुछ याद आया, बचपन में वैसे लड़कों या आदमी को घरघुसना कहते थे जो घर से निकलता ही नहीं। उसे यक बयक लोग देख कर कहते थे क्या माँ की या बीवी की पल्लू से बाहिर कैसे निकल गए। हर समय बीवी का देखते रहने वाले आलोचना के शिकार होते ही थे। लेकिन उनकी भी आदत पुरानी थी सो नहीं निकला तो नहीं ही निकला करते थे।
आज भी कई लोग मिलेंगे जिन्हें घर से निकलना हो तो कई बार तलने की कोशिश करते हैं।

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