Monday, October 29, 2018

माथा फोड़ते बच्चे और शिक्षा


कौशलेंद्र प्रपन्न
दिल्ली के एक स्कूल में आठवीं के बच्चे ने शिक्षक के माथे पर लोहे के रड़ से वार किया और शिक्षक अस्पताल में भर्ती हैं। यह पहली मर्तबा नहीं है कि किसी बच्चे ने शिक्षक का माथा फोड़ा। किसी शिक्षिका के हाथ तोड़े या फिर स्कूल में कक्षा से शिक्षिका या शिक्षक के बैग से पैसे चोरी हुए। ऐसी घटनाओं की एक लंबी लाइन है। सवाल यहीं से उठते हैं कि हम कैसी शिक्षा अपने बच्चों को दे रहे हैं। वह कैसी शिक्षा है जो शिक्षक पर ही हमला बोल रहे हैं।
यह शांति के लिए शिक्षा तो नहीं हुई जिसकी वकालत एनसीएफ 2005 कर रही थी। इस दस्तावेज़ में एक पाठ ही है शांति के लिए शिक्षा। हम बच्चों को पिछले पंद्रह सालों में संवेदनशील तक नहीं बना पाए। इतनी भी तमीज़ नहीं दे सके कि वे शिक्षकों की इज्जत न करें तो कम से कम माथा तो न फोड़ें। दूसरे शब्दों में शिक्षक पढ़ाएं भी और माथा हाथ भी फुड़वाएं। यह कैसे शिक्षा है?
हिंसक होते बच्चों से शिक्षा कैसे पेश आती है? हमारी तैयारी इस प्रकार के बच्चों से रू ब रू होने की है? क्या हम ऐसे बच्चों को नजरअंदाज कर दें या फिर जुबिनाइल एक्ट के तहत इनके साथ बरताव करें। कुछ तो रास्ते अपनाने होंगे। वरना इन बच्चों के हौसले कम होने की बजाए बढ़ने ही वाले हैं।
िंहंसा या हिंसक प्रवृत्ति को समझते हुए शिक्षक और शिक्षा को सकारात्मक कदम उठाने का वक़्त आ चुका है। शिक्षक वर्ग की मानें तो उनका कहना है जब से परीक्षा का भय व कहें फेल होने के भय बच्चे मुक्त हो गए हैं तब से उनमें शिक्षकीय डर भी जाते रहे। बच्चे शिक्षकों से डरना तो दूर पढ़ने से भी कतराने लगे हैं। बातों ही बातों में कह देते हैं फेले कर के दिखाओ।
दोनों ही पक्षों के अपने अपने तर्क हैं। शिक्षक वर्ग के तर्क भी कुछ हद तक मजबूत नजर आते हैं। लेकिन सोचना तो यह भी होगा कि शिक्षक क्यों चाहते हैं कि बच्चे उनके डरें। क्यों नहीं चाहते कि बच्चे उनसे मुहब्बत करें। शायद मुहब्बत करें तो हिंसक नहीं हांगे। हालांकि प्रेम में भी हिंसा देखी जाती है। यह अलग मसला है। हमें हिंसक होते बच्चों की मनोदशा को किसी भी सूरत में ठीक करने की आवश्यकता है। वरना वो दिन दूर नहीं जब बच्चे और शिक्षक दोनों ही हथियार ले कर स्कूल जाया करें। जो भारी पड़ा या जिसने भी नियंत्रण खोया वो दाग देगा गोली। विदेशों से ऐसी ख़बरें खूब आती हैं कि बच्चे ने सहपाठी को या फिर शिक्षक को गोली मारी।

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