Saturday, December 24, 2011

ध्यान दें अन्ना जी

अन्ना जी आपका इरादा बेहद तारीफ़ ये काबिल है. आप अपने लिए नहीं बल्कि देश के लिए लड़ रहे हैं. देश की आवाज़ आपके साथ आवाज़ मिला रही है. 
लेकिन बॉम्बे में इतने महंगे मैदान लेने की क्या जरूरत थी. आप ने कहा हम ये पैसा लोगों से चन्दा से लेंगें. आपको पता होगा की हमारी जनता दो पहर में रोटी खाती है तो शाम का कुछ पता नहीं होता. वो बेचारा रात दिन रोटी कपडा और किड्स के फ़ीस जुगाड़ने में यदि घिश देता है. 
कुछ तो यैसे भी हैं जो रात पेट दबा कर सो जाते हैं.  देश के पप्पू क्लास से बाहर कूड़ा चुनता अपनी ज़िन्दगी बसर कर देता है. देश को नै दिश में ले ही जाना है तो अपने देश के अंकुर को ठीक करना होगा. जो स्कूल जाते हैं उनको यह तक नहीं मालुम की इंदिरा सोनिया और गाँधी में कोण ज़िंदा हैं ? कैसी शिक्षा मिल रही है यह किसी से छुपा नहीं है. 
कभी इस तरफ भी ध्यान दें अन्ना जी 
आमीन          

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