Thursday, November 6, 2008

बहन को गले लगाया तो....

लगा जैसे बोहोत बड़ा हो गया। बहन की आखों में आंसू थे , हाथों की पकड़ में प्यार।

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शिक्षकीय दुनिया की कहानी के पात्र

कौशलेंद्र प्रपन्न ‘‘ इक्कीस साल के बाद पहली बार किसी कार्यशाला में बैठा हूं। बहुत अच्छा लग रहा है। वरना तो जी ...