चुनाव के मौसम में अखबारों के पन्ने, टीवी पर प्रचार के भरमार हो जाती है। नेता लोग तरह तरह के करामत करते नज़र आते हैं। इन दिनों अखबारों के पन्नो पर नेता पसरे होते हैं। इससे कमसे कम अखबारों को कमी तो होत्ती ही है ।
किसी के पैर छुते तो किसी को गले लगते नज़र आते नेता जी बेसक साल भर नज़र न आयें लेकिन साहिब चुनाव आते ही नेता जी गली गली भ्रमण करने लगते है। समझा करो सर जी चुनाव का मौसम है।
यह एक ऐसा मंच है जहां आप उपेक्षित शिक्षा, बच्चे और शिक्षा को केंद्र में देख-पढ़ सकते हैं। अपनी राय बेधड़ यहां साझा कर सकते हैं। बेहिचक, बेधड़क।
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शिक्षकीय दुनिया की कहानी के पात्र
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