जब बात निकलती है तो पुराने गुजरे समय की कई घटनाएँ खुलती चली जाती हैं। पिछले दिनों अपने पुराने दोस्त से बात हुई इनदिनों वो नेपाल में है वैसे तो वो नेपाल का ही है लेकिन काफी समय से संपर्क टूट सा गया था। चाँद तस्वीरों से झाकता वो लंबा लम्हा यका याक ताजा हो उठा। वही कदकाठी वही अंदाज बस बदला था तो समय। लंबे समय से न मिल पाने के कई मजबूरियां थीं। पर बातें तजा तरीन थीं। लगा ही नही की हम इतने समय की साडी बातें साझा नही किया।
कुछ दोस्त होते हैं जो दूर तो होते हैं मगर जब भी मिलते हैं वही गर्मी वही ज़जबत होती है। कितने खुशनसीब होते हैं वो लोग जिन्हें सचे दोस्त मिला करते हैं। दोस्ती वास्तव में निभाई जाती है। यूँ ही नही दिल लुभाता कोई।
यह एक ऐसा मंच है जहां आप उपेक्षित शिक्षा, बच्चे और शिक्षा को केंद्र में देख-पढ़ सकते हैं। अपनी राय बेधड़ यहां साझा कर सकते हैं। बेहिचक, बेधड़क।
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शिक्षकीय दुनिया की कहानी के पात्र
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