Thursday, November 13, 2008

सच में जो रोज़ शामिल हो....

यह सच है जो आपकी ज़िन्दगी में रोज के उठा पटक , घटनावो में शामिल होता है वही दूर जा कर भी दूर नही होता। बल्कि कहना चाहिए के जो दूर रहा कर भी आपकी रोज के लाइफ में शामिल होते हैं वो भी बेहद याद आते ही हैं। कभी कभी यूँ होता है की वो दोस्त मिल जाता है रस्ते में या कहीं किसी जगह तो वही भावः नही निकलते जो कभी साथ रहते लगाव हुवा करता था। सम्भव है आप भी इस तरह के अनुभव से गुजरे हों। दरअसल होता यह है की जो लोग साथ होते हैं वो लड़ते भी हैं , प्यार भी उतना ही करते हैं। दोनों ही लगावो के रंग हैं ।
यही रंज में न बदल जाए इए का ख्याल रखना चाहिए।





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