Wednesday, January 13, 2016

परीक्षा के आगे परिणाम है


कौशलेंद्र प्रपन्न
बच्चों परीक्षा से आगे परिणाम है। परीक्षा में जिस तरह का प्रदर्शन करोगे परिणाम वैसे ही आएंगे। इसका अर्थ यह हुआ कि परीक्षा के लिए विशेष तैयारी की जरूरत पड़ती है। वैसे तो पूरे साल आप लोग पढ़ते हैं। लेकिन परीक्षा के समय में पहले पढ़ी हुई चीजें भूल जाते हो। ऐसे में क्या करना चाहिए कभी सोचा है? यदि नहीं तो अब सोच लेते हैं। सुना भी होगा कि जब जगे तभी सबेरा।
पहल बात तो यही कि परीक्षा कभी भी जिंदगी से बड़ी नहीं होती लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि परीक्षा में बैठने से पूर्व अपनी पूरी तैयारी कर ली जाए। आनंद तो तभी है जब आप पढ़ और तैयारी के साथ परीक्षा में बैठो। इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना जो भी आपने पहले क्लास मंे पढ़ा है उसे परीक्षा से पहले दुहराना शुरू कर दो। यह इस तरह कि मान लो हिन्दी,अंग्रेजी या गणित पढ़ना है तो एक एक पैरा ग्राफ को बार बार पढ़ो, फिर दुहराव फिर काॅपी बंद कर लिखने का अभ्यास करो। जब एक बार लिख लो फिर मूल काॅपी से मिलान करो। जहां जहां गलती हुई है उसे सुधारो और दुबारा लिखकर अभ्यास करो। इससे तुम्हारे हर विषय की तैयार में मदद मिलेगी।
कभी भी परीक्षा से पहले डरो मत। परीक्षा के लिए तैयारी की जरूरत पड़ती है। जैसे किसी उत्सव के लिए हमलोग तैयारी करते हैं। जब परीक्षा का समय आ ही गया है तो डरने से प्रश्न पत्र का समाधान नहीं हो सकता उसके लिए आपको उत्तर वो भी सवालों के अनुसार लिखने से ही मिलेंगे। उत्तर कैसे लिखे यह भी एक कला और कौशल है। यह आपलोग हासिल कर सकते हैं। वो इस तरह से कि सबसे पहले सवाल को ध्यान से और खुले दिमाग से पढ़ने का धैर्य हो। सवाल को एकाग्र हो कर पढ़ो और समझेन की कोशिश करो कि सवाल की मांग क्या है? क्या पूछा गया है इसे ध्यान में रख कर उत्तर लिखना शुरू करो। जैसा सवाल वैसा उत्तर। अब तुम्हें कोई भी पास होने और अंक/ग्रेड पाने से रोक नहीं सकता। डरने से परीक्षाएं पास नहीं होतीं बल्कि तैयार और स्थिर मन से चिंतन कर उत्तर लिखने से सफलता मिलती है।

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