Tuesday, October 29, 2013

शब्दकार का जाना


राजेंद्र जी का जाना सचमुच शब्द-संसार में जीने वालों के लिए दुखद खबर है। यू ंतो कोई भी यहां शाश्वततौर पर रहने नहीं आया है। सभी को तो जाना ही है। लेकिन उस व्यक्ति का जाना ज्यादा यादगार हो जाता है जिसने समाज में समाज के लिए अपनी कलम से काफी कुछ किया हो। विवाद-वाद और संवाद के लिए प्रसिद्ध राजेंद्र जी को उनकी कलमकारी के लिए भी खद किया जाएगा। 
नई कहानी और कथाकार के तौर पर तो वो एक मजबूत स्तम्भ थे ही। इससे किसे गुरेज होगा। यह अलग बात है कि उन्होंने विवादों से भी उसी तरह साबका रखा। 
शब्दकार को कोटी कोटी नमन

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