Friday, October 4, 2013

स्कूलों में शौचालय बनाने की ओर ज़रा सोचें नमो


नमो नारायण जी ने फरमाया कि देवालय से ज्यादा शौचालय की आवश्यकता है। माननीय महोदय! स्ही कहा आपने काश आप इसे अपनी चुनावी घोषणा पत्र में भी शामिल कर लें।
नमो जी मालूम हो कि देश भर मंे ऐसी लड़कियों की संख्या लाखों में हैं जो महज स्कूल में शौचालय न होने की वजह से स्कूल नहीं जा पातीं। हाल में रिपोर्ट आई है कि अकेली दिल्ली में 50 फीसदी ऐसे सरकारी स्कूल हैं जहां शौचालय नहीं हैं। यह हाल तो दिल्ली का है जहां आप हाल ही में गरज कर गए हैं। यदि देश के अन्य राज्यांे की बात करें तो गुजरात, हरियाणा, राजस्थान, बिहार आदि में तो और भी बत्तर स्थिति है। आरटीई लागू हुए तीन एक साल हो चुके लेकिन स्थितियां कोई खास नहीं बदली हैं। जिन बुनियादी ढांचों की सिफारिश आरटीई करती है उनमें शौचालय भी एक है।
कितना बेहतर हो कि आप दूसरी पार्टी की आलोचना करने में जितना समय खर्चते हैं उसका एक अंश भी स्कूलों में शौचालय बनाने की ओर दें तो निश्चित मानें लड़कियां स्कूल जाने लगंेगीं।

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