Saturday, March 21, 2009

जब कभी हो

जब कभी हो,
गमगीन ज़रा से बात पर
तो देखना
इक चेहरा
हसने को हो काफी
तो समझना
है उम्मीद ,
मुस्कराने की ...
या फिर पल भर सोचना ,
जाती नही है सड़क कहीं ,
जाता है इन्सान ,
हफ्ता हुवा ,
रोता हुवा ,
पर गर कोई ,
मुस्कराते हुवे ,
जा रहा हो तो समझना ...
वो साथ है सभी के

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