Tuesday, January 27, 2009

जॉब जब चली जा रही हो

जब जब नौकरी पर खतरा आता है यब तब हम बैचन हो उठते हैं

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शिक्षकीय दुनिया की कहानी के पात्र

कौशलेंद्र प्रपन्न ‘‘ इक्कीस साल के बाद पहली बार किसी कार्यशाला में बैठा हूं। बहुत अच्छा लग रहा है। वरना तो जी ...