Tuesday, July 22, 2008

बाल जाने लगे घुमने

मेरी इक दोस्त है -
सर से बाल जाते देख ,
ज़रा चिंतित लगती है ,
कहती है ,
क्या मालूम है
कोई दवा या...
नही चाहती की समय से काफी पहले सर नंगा हो नही चाहती बिग
क्या है बाल तो हैं ही जाने के लिए पर उसे ये बात समझ नही आती या
यह लगावो है सुंदर रहने का
पर यही तो है जिद्द की मैं ज़रूर दूंगी चुनौती कुदरत को
और देखा इक दिन उसके सर पर घने बाल ।
कैसे चुप रहता देख कर परिवर्तन
कहने लगी चाह हो और काम भी तो ,
मुस्किल नही ।

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