Tuesday, July 1, 2008

आज स्कूल खुल गए

दो माह के बाद स्कूल दुबार खुल गए
दुबार स्कूल में रौनक आ गई
मगर पिटाई का सिलसिला रुकेगा नही
मादाम स्कूल में वैसे ही बैठ कर समय काटेंगी
बच्चे चुपचाप अपना सबक याद करेंगे
कुछ भूल जायेंगे तो कुछ उम्र भर उनके साथ घूमेंगी
कभी दूर नही जा सकते
बच्चे उम्र भर इन्ही सबक में अटक जायेगे

No comments:

शिक्षकीय दुनिया की कहानी के पात्र

कौशलेंद्र प्रपन्न ‘‘ इक्कीस साल के बाद पहली बार किसी कार्यशाला में बैठा हूं। बहुत अच्छा लग रहा है। वरना तो जी ...