Thursday, November 23, 2017

पढ़ाने के सिवा

कौशलेंद्र प्रपन्न
‘‘सुबह के आठ बजने वाले हैं। बच्चे अपनी अपनी नाक पोंछते हुए धकीयाते, मुकीयाते पंक्ति में खड़े हो रहे हैं। साथ में लगभग चिल्लाती, डाटती मैडम उन बच्चों के साथ खड़ी हैं। प्रार्थना संपन्न होता है। कुछ आदर्श वाचन होते हैं। अब बारी आती है अभिभावकों के लिए कि आधार कार्ड अब तक नहीं दिए जल्द जमा करा दें। बच्चो को समय पर स्कूल साफ सुथरे रूप में भेजें आदि। और अंत राष्ट्र गान से होता है।’’
‘‘कहानी अब शुरू होती है। शिक्षक/शिक्षिका एक एक कर बच्चों के नाम उपस्थिति रजिस्टर पर दर्ज करती जाती हैं। बीच बीच में कॉपी फाड़ने, चिकोटी काटने, मारने, गाली देने जैसे आम शिकायतों को निपटारा भी करती हैं। अब बारी है स्कूल के एक कमरे में लगे चेहरादर्ज मशीन के आगे सभी बच्चों को खड़ा करना और उपस्थिति दर्ज कराना।’’
हाल ही में बिहार के भागलपुर और औरंगाबाद में शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किए कि स्कूल आने से पूर्वी और जाने के उपरांत अपने आस-पास यदि कोई खुले शौच करता मिले तो उसकी तसवीर खींच कर उन्हें भेंजें और उन्हें समझाने की कोशिश करें। पहली बात तो यही कि जिसकी तसवीर खींची जाएगी वह क्या सहजता से चुपचाप बैठा रहेगा या फिर मारने दौड़ेगा। दूसरी बात शिक्षक मैदान मैदान घूम घूम कर पता करे कि कौन खुले में शौच करता है। उसपर तुर्रा यह कि राज्य के शिक्षामंत्री मानते हैं कि इसमें हर्ज ही क्या है। शिक्षक समाज पढ़ा लिखा है। जनगणना आदि काम तो करते ही हैं। इसे भी अंजाम दे सकते हैं।
और कहानी ऐसे अंतिम मकाम पर पहुंचती है कि मिड डे के बाद 10.40 में बच्चे वापस कक्षा में आते हैं। अब शिक्षक के पास 10.45 से 12 बजे तक का समय होता है। इस समय में वह कितना पढ़ा पाता है। इसका अनुमान लगाना कठिन नहीं है। 

3 comments:

Unknown said...

Very well written...!!

BOLO TO SAHI... said...

Thanks dear

Pallavi Sharma said...

Vastivikta ka anubhav tabhi Kiya Ja sakta ha jab us jindagi ko sacche man se mehsoos Kiya Jaye ya use jiya jaye ...sadharanikaran ki awastha ma pahuch kar hi koi adhayapak ki tapasya ki anubhuti kar sakta ha ......matra netagiri Karne wale is tathya se kabhi parichit na ho payenge na wo hona chate han ...sir yatharth anubhooti rakhne ke liye dhanyavad ...chath pooja ke naam par di gai chutti ki rajniti kar wahwahi lootne walo se koi ye pooche ki ab december ki kadkadati thand ma 29 December tak baccho ko bulana kahan tak uchit ha !

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कौशलेंद्र प्रपन्न ‘‘ इक्कीस साल के बाद पहली बार किसी कार्यशाला में बैठा हूं। बहुत अच्छा लग रहा है। वरना तो जी ...