Tuesday, December 16, 2014

बहुभाषी कक्षा का चरित्र


कक्षा में विविध भाषा-भाषी समुदाय से बच्चे आते हैं। एक कक्षा में पूरा का पूरा समाज उपस्थिति होता है। भाषा की विविध छटाओं का निदर्शन हमें एक कक्षा मिलता है। यदि एक शिक्षक इस अवसर का लाभ भाषा शिक्षण में बतौर औजार का इस्तमाल करे तो वह कक्षा जीवंत हो सकती है।
अलग अलग भाषायी समुदाय से आने वाले बच्चों को स्थानीय मुहावरों, लोकोक्तियों से कक्षा की शुरुआत की जाए तो भाषा की छटाएं बड़ी सहजता से बच्चों तक पहुंच सकती हैं। भाषा शिक्षण की बुिनयादी चुनौतियों को कक्षा में उन्हीं के जरिए सुलझा सकते हैं।
अगर एक कक्षा में बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, बंगाल आदि राज्यों के बच्चे हैं तो उस कक्षा में भाषा की बहुछटाओं के साथ होते हैं। यदि ऐसी कक्षा में शिक्षक बच्चों की भाषा के जरिए शिक्षण करे तो वह कक्षा बच्चों को लुभाने वाली होंगी।

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