Sunday, January 22, 2012

बच्चे जो कह्हरा नहीं पढ़ पाते

यूँ तो कई रिपोर्ट यह सच दिखा चुकी हैं की देश के लाखों बच्चे स्कूल तो जाते हैं लेकिन जहाँ तक तालीम की गुणवत्ता की बात है वहां वो बेहद ही कमजोर हैं. ५, ६ या ८ क्लास में पढ़ते हैं लेकिन वो क्लास १,२ के पथ पर फिसल जाते हैं. 
इन्फोसिक या प्रथम की रिपोर्ट की माने तो देश के उम्दा स्कूल के बच्चे भी बेहद ही ख़राब शिक्षा पा रहे हैं. उन्हें किस तरह की शिक्षा मिल रही है इस और उस पार की झलक मिलती है की हम अपने बच्चों को की किस्म की शिक्षा दी जा रही है. 
दाखिला तो बढ़ा है लेकिन शिक्षा की गुणवता देखते ही देखते नीचे जा चुकी है. उसे बेहतर करने में कोण अपनी बुमिका पहचानेगा. शिक्षक भी इसमें शामिल है. इसके साथ ही लोकल ऑथरिटी को भी अपनी जिमीदारी निभानी पड़ेगी.         

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