Monday, July 5, 2010

सुन्दर देह जान पर बन आये

सुन्दर देह जान पर बन आती है। हिरन के सिंग बड़े ही कुब्सुरत होते हैं बेचारी उसी सिंग की वजह से मारी जाती है। कभी कभी तो अपने बदसूरत पैर के बल पर भागने में कामयाब हो जाती है लेकिन सिंग किसी पेड़ या झड में फस जाता है और ....
इनदिनों ही नहीं बल्कि लम्बे समय से चला आ रहा है खुबसूरत देह मुस्कान और अदा की वजह से कई लड़कियां या एक्ट्रेस , माडल को अपनी जा गवानी पड़ती है। यह इतिहास सिद्ध है कि सीता को भी अपनी खूबसूरती की कीमत चुकानी पड़ी थी। राम के साथ कई हज़ार सैनिक, दोस्तों ने जान की बाजी लगा कर रावान के साथ युद्ध करना पड़ा। इन सब के पीछे सुन्दरता ही तो था। राजा रजवाड़ों के बीच कई बार सुन्दर रानी को लेकर युद्ध हुवे हैं। सुन्दर जान , देह परिवार , समाज और कई बार देश के लिए भी खतरा साबित हवये हैं।
इन दिनों माडल की मौत रहस्य बना हुवा है। इससे पहले भी इस तरह की घटनाये होती रही हैं। लेकिन हमने उससे कोई पाठ नहीं सीखा। सुन्दर होना कोई गुनाह नहीं, न ही कोई जुर्म जिसकी कीमत लड़की चुकाए, । सुन्दर देह तो कुदरत की दें है और खुद उसे संभल कर चलते हैं लेकिन पुरुष की दूरबीन भेदी निगाह से देह की तार तार होना तो आज बड़ी इ आम बात है। इस में पिता, भाई , रिश्तेदार सब तो शामिल हैं आखिर किसे किसे चलनी से चाल कर इक लड़की देखे।
तेज़ाब से मुह जला देने या चाकू से गोद कर मार डालने की घटना भी नै नहीं है। जो कभी प्यार के दंभ भरते नहीं थकता था वही प्यार के इंकार करने पर या शादी न करने की बात सुन कर आग बबुलाहो मार डालने जैसी घिनौनी हरकत करते हैं। क्या यही प्यार है ? शायद यह सवाल ही बेकार है आज रिश्ते में वो गर्माहट रही ही कहाँ। जब प्यार वासना को शांत करने व शादी से पहले सब आनंद भोग लेने के पैमाने पर टिके हों तो दोष किसे से मठे मढ़ा जाये। यहं तो 'को बद कहत चोट अपराधू' किसको कम और किसे ज़यादा कसूरवार कहेंगे। इस हमाम में क्या देवता और क्या इंसान सब धन इक पसेरी.

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