Tuesday, April 4, 2017

कितना आसान है


कितना आसान है
तोहमत लगाना
कितना आसान है
हंसी उड़ाना
कितना आसान है
नीचा दिखाना।
कितना कठिन है
ख़ुद पर हंसना
कितना कठिन है
खिलंदड़ बनना
कितना कठिन है
राह निभाना।
कठिन है कितना
स्नेह बचाना
कठिन है कितना
बंधन निभाना
कठिन है कितना
बस जाना
कठिन है कितना
आंखों में चुभना।

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