Monday, August 27, 2018

तुम्हारी हथेली...




तुम्हारी हथेली ख़ाली नहीं होगी-
रखा करूंगा एक प्यार,
अपना माथा,
माथा याने
तमाम अहम्।
धर दूंगा तुम्हारे आंचल में-
एक उम्मींद,
एक आस,
एक प्यार का पुंज।
रोज़ ही रख दूंगा-
इतना प्यार,
कि कम नहीं होगा कभी,
खरचों जितना भी।
संभालना मेरा प्यार
रोज़ जो बो दूंगा एक प्यार,
तुम्हारी हथेली पर।

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