Tuesday, April 5, 2016

शिक्षकों की प्रशिक्षण पर विशेष बल


दिल्ली सरकार बड़ी तेजी और गंभीरता से स्कूली शिक्षा के स्तर को सुधारने में लगी है। कई बार मान लेने का मन करता है कि यह शायद महज राजनीतिक घोषण भर नहीं है। बल्कि शिक्षा मंत्री वास्तव में शिक्षा में बदलाव को शिद्दत से महसूस कर रहे हैं। संभव है यही वजह है कि इस बार के बजट में उन्होंने 10,690 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। उसमें भी शिक्षकों के प्रशिक्षण और कौशल विकास को ख़ास तवज्जो दिया है। बजट अभिभाषण में उन्होंने कहा था कि सरकारी शिक्षकों और प्रधानाचार्य को कैंब्रिज, हाॅवर्ड आदि विश्वविद्यालयों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा। इस घोषणा को अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
नब्बे प्रधानाचार्याें को कैंब्रिज भेजा जाएगा जहां वो दस दिन प्रशिक्षण कार्यशाला और वहां के स्थानीय सरकारी स्कूलों में विजिट करेंगे। वहां कैसे शिक्षण होता इसका अवलोकन करेंगे। तीस तीस की संख्या मंे इन्हें भेजा जाएगा। वे वापस आकर अपने स्कूलों में कार्य करेंगे। इसमें मैनेजमेंट और लीडरशीप कौशलों पर भी जोर दिया जाएगा।
दूसरे महत्वपूर्ण बात यह कि पिछले शुक्रवार से विषयवार छह से 9 वीं कक्षा के प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण शुरू हुआ है। पहले खेम में हिन्दी के 43,00 टीजीटी टीचर का प्रशिक्षण त्यागराज स्टेडियम में शुरू हुआ। अब सवाल यहां उठना लाजमी है कि क्या इतनी बड़ी संख्या में प्रशिक्षण संभव है? क्या यह सम्मेलन का रूप नहीं ले लेगा।
माना जाता है कि प्रशिक्षण कार्यशाला में तीस से ज्यादा प्रतिभागी नहीं होने चाहिए। जो भी हो प्रयास की सराहना की जानी चाहिए।
अनुरोध इसे सरकार की जय जयकार करना करना नहीं है बल्कि सच को कबूल करना है

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