Tuesday, October 28, 2014

ख़तरनाक !

ख़तरनाक !

डांट नहीं,
प्यार भी नहीं,
मनुहार भी नहीं,
वार भी नहीं।
ख़तरनाक-
लटका हुआ लोर,
अटकी हुई बहस,
टंगी हुई सांस
टूटता विश्वास।
ख़तरनाक-
मां का रोना,
बहन की सुबकी,
पत्नी के आंसू,
पिता का रूदन।
ख़तरनाक-
मंा-बाप के सामने,
बच्चों का बिखराव,
घर में दरार,
आवाज में अपरिचय।

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