Thursday, October 16, 2014

वर्तनी की गलतियों को ऐसे करो कम


कौशलेंद्र प्रपन्न

हिन्दी में हम लोग अकसर शब्दों को लिखने और बोलने में गलतियां करते हैं। ऐसी गलती सिर्फ तुम लोग ही नहीं करते, बल्कि बड़े-बड़े, पढ़े लिखे लोग भी करते हैं। कई बार इसके पीछे हमारी असावधानी दिखाई देती है, तो कई बार अज्ञानता।
आओ देखते हैं हिन्दी लिखते वक्त किस तरह की सामान्य गलतियां करते हैं हम सब और उनसे कैसे बचा जाए, क्योंकि जब हम परीक्षा में उत्तर पुस्तिका में गलत लिखते हैं तो कई बार मैडम अंक काट लेती हैं या लाल पैन से गोल घेर देती हैं कि आगे से सही लिखो। जैसे ‘मै’ लिखोगे तो गलत होगा, क्योंकि ‘मैं’ में एक अनुस्वार होता है। ‘है’ लिखो एक हो तो, जब बहुवचन में इस्तेमाल होता है तब ‘हैं’ आएगा। यानी है पर अनुस्वार का प्रयोग होता है। दवाई लेकिन जब बहुवचन होता है तब दवाइयां होना चाहिए, लेकिन अकसर तुम लोगों ने दवाई की दुकान पर लगे बोर्ड पर देखा होगा-दवाइयां, यह गलत है।
हम लोग और भी छोटी-छोटी गलतियां हिन्दी लिखते वक्त करते हैं। अगर तुम ध्यान से पेपर पढ़ोगे या टीवी पर लिखे शब्दों को देखोगे तो सही शब्द लिखे दिखाई देंगे। और कई बार इन जगहों पर भी गलत लिखे मिलते हैं। ऐसे में तुम्हें अपने टीचर से सही रूप के बारे में पूछना चाहिए।
कुछ और शब्द देखो, जिन्हें हम कहां लिखते वक्त गलती करते हैं- श्रीमति, गलत है। होना चाहिए श्रीमती। उसी तरह हिन्दी में हम अनुस्वार, हरस्व और दीर्घ यानी छोटा उ और बड़ा ऊ, छोटी इ और ई की भी गलतियां खूब करते हैं।
हिन्दी की विशेषता यही है कि हिन्दी में जैसे बोलते हैं, वैसे ही लिखते हैं। यदि बोला ही गलत गया है तो सुनने वाले गलत लिख देते हैं। अक्‍सर क्लास में बच्चे इसलिए भी गलत लिखते और बोलते हैं, क्योंकि वो मैडम की बात ध्यान से नहीं सुनते। इसलिए उनकी हर बात ध्यान से सुनो और अगर कभी वर्तनी में कोई गलती हुई है तो उसे तुरंत सुधार लो और ध्यान रखो कि भविष्य में फिर से वह ना दोहराई जाए।

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