संसद फिर शर्मसार हुवा इस बार न कोई मुंबई का था और न किसी ने किसी को भाषा को लेकर गालियें ही दी मगर यह संसद की हिस्टरी में तीसरी घटना है। दरअसल स्कूल के दिनों में जिस तरह बच्चे स्कूल से भाग लेते हैं ठीक उसी तर्ज पर सोमवार यानि ३० नवम्बर को संसद के ३४ सांसद गैर हाज़िर थे। जब की उन सांसदों ने प्रश्न लिख कर लोक सभा स्पीकर मीरा कुमार को भेजा था। मगर जब मीरा कुमार ने सवालों के ज़बाब तलब करने के लिए सांसदों के नाम पुकारे तो उनमे से कोई भी संसद में हाज़िर नही था। जब की सम्बंधित मिनिस्टरी के मंत्री मौजूद थे । पर सवाल के ज़वाब जानने के सरोकार ने वास्ता नही रखने वाले संसद नदारत थे। मीरा कुमार ने इस मुदे पर संसद में श्लील भाषा में कहा के यह जिमेदार सांसदों के रवैया नही कह सकते।
इस तरह आज यानि मंगलवार को तमाम अख़बारों के प्रथम पेज पर बड़ी महत्तया के साथ ख़बर छापी गई । कुछ हेडिंग पर नज़र डालते हैं ' और संसद में सवाल तो पूछे मगर ज़वाब सुनने के लिए संसद ही नही', ' सवाल पूछने में दिखाई बे रुखी संसद से नदारत रहे सदस्य', आदि।
यह एक ऐसा मंच है जहां आप उपेक्षित शिक्षा, बच्चे और शिक्षा को केंद्र में देख-पढ़ सकते हैं। अपनी राय बेधड़ यहां साझा कर सकते हैं। बेहिचक, बेधड़क।
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