Thursday, July 23, 2009

जब कोई आप का फ़ोन न...

दोस्त क्या कभी सोचा है जब आप बेरोजगार हों और आप किसी को कॉल करें लेकिन वो बार बार कॉल काट दे तो कैसा लगेगा आपको जैसा भी लगे मगर वो तो यही सोच कर बात नही करना चाहते की कहीं फ़ोन उठाए और मदद न करनी पड़ जाए। इस डर से वो साहब बात तक करना नही चाहते । वो क्या जाने की हर कॉल मदद की गुहार लिए नही होती॥ संभवो हो की नोर्मल हाल में किया हो। मगर साहब को तो बस लगता है आज कल जॉब है नही उसके पास कुछ मांग न दे।
ज़रा सोचें यैसे में क्या गुजरती है जब आपके दोस्त साथ काम कर चुके ही आपके फ़ोन उठाने से कतराने लगें तो समझ लें दोस्ती की लो में अब ज़यादा तेल बचा नही॥ बस आप मान कर चल रहे है की बोहोत से लोग हैं जो आप के साथ हैं... मगर वास्तव में आप साहब मुगालते में हैं। बेहतर है ख़ुद को संभाल ले। वरना मुह के बल गिरने से कोई बचा नही सकता।
चलिए कम से कम आखों में इतनी तो पानी बची रहे ताकि कही राह में मुलाकात हो तो....

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