Thursday, July 9, 2009

समलैंगिक कोई आसमान से नही टपके

सच है की समलैंगिक समाज के ही इक भाग हैं ये भी इसी समाज और दुनिया में रहते हैं। अगर इक लड़की को लड़के से शादी के तमाम आज़ादी हो सकती है तो इन्हें भी अपने पसंद के पार्टनर से शादी कर जीवन भर साथ रहने को उतना ही अधिकार है । कम से कम एक मानवीय दृष्टि से ज़रा सोचें तो इसमें क्या कमी नज़र आती है के जब वो विपरीत लिंग के साथ ख़ुद को समायोजित नही कर पाते तो क्यों न उन्हें अपने पसंद के पार्टनर के साथ रहने दिया जाए। दुसरे शब्दों में कहें तो यह कह सकते हैं के हर उस शक्श को अपनी ज़िन्दगी अपने शर्तों पर जीने को पुरा हक है।
समाज तो यूँ ही चला करता है किसे कब ठोकर मार दे किसे गले लगा ले यह समाज समाज पर निर्भर किया करता है।

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