लोग कई दफा यूँ ही बिन बताये हमारे बीच चले जाते हैं। उनके जाने के बाद महसूस होता है वो कल तो हमारे साथ था। आज अचानक बिन बताये कहाँ चला गया ? उसके जाने के बाद लगता है वो तो उन हर चीजों में है जिसका इस्तमाल किया करता था। हम बस चीजों में, जगह, बातो में उसे तलाश करते हैं।
लेकिन वो तो इन सब से बेखबर कहीं दूर जा चुका होता है । हमारे पास रह जाती हैं तो बस उसके साथ बीतए पल घत्याने बस ।
यह एक ऐसा मंच है जहां आप उपेक्षित शिक्षा, बच्चे और शिक्षा को केंद्र में देख-पढ़ सकते हैं। अपनी राय बेधड़ यहां साझा कर सकते हैं। बेहिचक, बेधड़क।
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शिक्षकीय दुनिया की कहानी के पात्र
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1 comment:
मान गए आपके विचारों के अभिव्यक्तिकरण की योग्यता को, अति उत्तम
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