जब आप बुरे दौर से गुजर रहे हों यैसे में कई लोग आप के हौसले को तोड़ने वाले ज़यादा होते हैं॥ उनसे बचना बेहद ज़रूरी होता है। वरना आपके अन्दर नकारात्मक विचार चलने लगते हैं। इतना ही नही बल्कि वह सोच हमारे काम करने, सोचने , कदम आगे बढ़ने पर भी खासा प्रभावों डालते हैं। तो लोगों, सितुअशन से हर संभव बचना बेहतर होता है।
नकारात्मक सोच अपना और बनने लगता है जिसे हम या की आप आसानी से दूर नही कर सकते....
यह एक ऐसा मंच है जहां आप उपेक्षित शिक्षा, बच्चे और शिक्षा को केंद्र में देख-पढ़ सकते हैं। अपनी राय बेधड़ यहां साझा कर सकते हैं। बेहिचक, बेधड़क।
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शिक्षकीय दुनिया की कहानी के पात्र
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1 comment:
aapne sahi kaha , aaj ke daur me mandi ki zajah se company ka work load bad gaya hai , aise me aapke shabd mantra ka kaam karenge .. badhai ..
aabhar
vijay
pls read my new poem "झील" on my poem blog " http://poemsofvijay.blogspot.com
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