गीत बोल हरतरह के हुवा करते हैं
यह आप पर निर्भर करता है की उसका किस तरह से इस्तमाल करते हैं।
बोल तो इक लड़की को देर्खा तो येसा लगा
जैसे उजली किरण
जैसे वन में हिरन
जैसे मन्दिर में हो इक जलता दिया
इन शब्दों में क्या ही गहरी है
कोई हिन्दी का मास्टर अलंकार पढ़ते समाये इन लीनो का प्रयोज कर ही सकता है।
यह एक ऐसा मंच है जहां आप उपेक्षित शिक्षा, बच्चे और शिक्षा को केंद्र में देख-पढ़ सकते हैं। अपनी राय बेधड़ यहां साझा कर सकते हैं। बेहिचक, बेधड़क।
Monday, May 4, 2009
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शिक्षकीय दुनिया की कहानी के पात्र
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