Sunday, September 28, 2008

आतंकी का धर्म

आतंकी किसी भी देश , धर्म, के हों मूल बात ये है वो महज आतंक ,खून , चीख- पुकार फैलाने में विशवाश करते हैं। चाहे वो सीमा पर की ज़म्मीन हो या भारत की हर जगह सिर्फ़ ब्लास्ट किए जा रहे हैं।
लोग रोते बिलखते हैं। मगर आतंकी इसको अपनी सफलता मानते हैं।
देश संकट में है। रोज कही न कहीं ब्लास्ट हो ही रहे हैं। इससे किस का मकसद सधता है ? रोटी तो मानवता ही है। पर क्या कहें , यूँ के घर परिवार में सदस्य होते हैं या नही ? पता नही पर दिल यूँतो होते नहीं होंगे ।




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