Thursday, September 18, 2008

खाली यूँ ही

क्या सोचते हैं जब आप खाली बैठे होते हैं ।।
अकसर हम बीते दिनों और गुजरे समय की घटनावो में डूबता उतरते रहते हैं। या यूँ कह लें की हमें बेहद पसंद होता है यह कहते रहना की तब मैं या था वो करता था ....
दरअसल हम अपने अतीत से निकल ही नही पाते हमें वो दिन ही याद आते हैं जो गुजर चुका है ।
कभी मौजूदा पेचोखम से रूबरू होने की हिम्मत जुटा कर हमें चल रहे समय की और आने वाले कल की चुनौतियें का मुयाना करना बेहतर होता है ।

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