Monday, September 1, 2008

अतीत के संग

दरसल अतीत के संग चिपक कर रहा नही जा सकता।अतीत को समझा ही जा सकता है। ताकि आगे की सीख ली जा सके। अतीत में अटकी चेतना कभी भी किसी भी देश समाज और आदमी के लिए बेहतर नही होता। अतीत को तो ठीक ही किया जा सकता है।




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