Sunday, August 24, 2008

होर्डिंग्स को देख कर शहर का मिजाज़ जाने

क्या कभी शहर से गुजरते हुवे शहर की सडको पर लगे होर्डिंग्स पर नज़र डाली है ? नही तो कभी डालें आपको शहर के बदलते मिजाज़ का पता चलेगा। रेस्तरा, होटल से लेकर शहर में होने वाले जलसा , आन्दोलन सब की ख़बर शहर में प्रवेश करते ही मेल जाती है।

No comments:

शिक्षकीय दुनिया की कहानी के पात्र

कौशलेंद्र प्रपन्न ‘‘ इक्कीस साल के बाद पहली बार किसी कार्यशाला में बैठा हूं। बहुत अच्छा लग रहा है। वरना तो जी ...