Tuesday, February 18, 2014

घूंघट में किताबें


इस विश्व पुस्तक मेले में बहुत सी किताबों के घूंघट उठाए जा रहे हैं। रोज़ किताबों को अनावर्नित किया जा रहा है। वो किताबें खुश हैं। मगर उन किताबों का क्या जो अपनी पारी के इंतजार में हैं। उन्हें भी कोई पुचकारे, पलटे और कहीं किसी के बैग में आए और घर में पहंुचे। ऐसी बहुत सी किताबें हैं प्रकाशकों के स्टाॅल पर चुपके चुपके कह रही हैं आओ जी हमें भी पढ़ो। हमारे मुखड़े से घूंघट उठा दो।

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