Wednesday, March 3, 2010

दिल फुकती लड़की

दिल फुकती लड़की कहीं आप गलत न सोच लें इसलिए बता दें कि दिल्ली विश्वविद्लाया हो या अन्य कॉलेज हर जगह स्मोकिंग करती लड़कियां मिल जाएँगी। ताजुब न करें इसमें उन्हें गलत नहीं लगता। ३५ फीसदी का हक़दार जो हैं। ख़ुशी में, गम में, लड़ाई में, प्यार में पर जगह साथ साथ।

दिल्ली विश्वालय के कानून के प्रांगन में कभी सिगरेट की दुकान लगाने वाली अम्मा से इनदिनों मुलाकात हुई वो भी तक़रीबन ७, ८ साल बाद। उन आखौं में आज भी मेरी तस्बीर बरक़रार थी॥ बताया कि पिचिले दिनों जेतली आये थे मुझ से इक सिगरेट मांग कर ५०० का नोट पैर पर रख दिया। लगा अपना बेटा क्या ज़यादा प्यार करेगा। आज भी कई पुराने वकील आते है। वो रुक कर हाल समाचार जानते हैं लगता है अपने से कहीं अधिक ये लोग प्यार करते है। बात चल रही थी कि इक लड़की ५ पैकट क्लास्सिक की मांग कर ले गई। अम्मा ने बताया, आख्यें मत चौड़ी करो बेटा। आज कल लड़कियां खूब सिगरेट पीती हैं। इतना ही नही बल्कि भरकर पीनेवाली ज़यादा मिलेंगी। कल की बात है दो लड़कियां थीं इक घंटे में दोनों मिल कर १० डिब्बी क्लास्सिक पी गईं। लाल लाल आखें हो गई थीं। पर बेटा क्या कर सकते हैं। पता नहीं लड़कियां क्यों सिगरेट पिने लगीं।

मुझे लगता है बेटा, लड़कियां लड़कों से ज़यादा बिगड़ गई हैं। लाल पीले और भी रंग के पैंटी दिखाती है। शर्म नहीं आती।

दिल तो जलती है लड़कियां मगर इस में उनका भी तो दिल जला करता है। बराबरी का दौर है.... देखते रहें आगे क्या क्या जलता हैक्या कुछ दीखता है॥ लगे रहो देखन हरे।

No comments:

शिक्षकीय दुनिया की कहानी के पात्र

कौशलेंद्र प्रपन्न ‘‘ इक्कीस साल के बाद पहली बार किसी कार्यशाला में बैठा हूं। बहुत अच्छा लग रहा है। वरना तो जी ...