Thursday, March 15, 2012

रेल मंत्री तो ट्रैक से उतार दिए गए

दीदी के नहीं मान कर रेल मंत्री ने देखलिया की पानी में रखकर मगर से बैर नहीं किया जाता. लेकिन पता नहीं द्विवेदी ने क्या सोच कर रेल को इचू से बह्हर निकालने पर तुले थे बेचारे खुद बाहर कर दिए गए. गौरतलब हो की रेल मंत्रालय ने पिछले १० सालों में किसी किस्म के किराए में इजाफा नहीं किया था. इसके पीछे हर कोई अपने सर पर ठीकरा नहीं फोड़ना चाहते थे सो किराए में इजाफा के रिश्क नहीं लिया. मगर किसी न किसी को तो रेल विभाग को संजान में लेना था.
अब चीर इंतज़ार वित् बजट आने वाला है. आज की रात सरकार, बाज़ार, कंपनी, घर आदि के लिए बेहद गहरा है. कल यानि १६ मार्च २०१२ की दुपहरी सब के लिए तपिश लाने वाली है. हर सेक्टर को कल कितना मिलने वाला है इस तरफ नज़रें टिकी है.
क्या शिक्षा की बेहतरी के लिए वित् मंत्री कुछ ठीक ठाक आवंटन करने वाले हैं? बस कल इन्सभी पर से पर्दा उठने वाला है. इक बात तो जाहिर है की यदि स्कूल शिक्षा ठीक नहीं किया गया तो देश महज साक्षर बन सकता है शिक्षित नहीं.              

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