जब कभी आप किसी के साथ होते हैं तब वास्तव में आप होते हैं क्या
ज़रा सोचें तो सही
मुझे लगता है
हम सच नही बोलते की जिसके साथ हम रहते है
दर्हसल हम किसी और के साथ की आस में बैचन होते हैं
यह एक ऐसा मंच है जहां आप उपेक्षित शिक्षा, बच्चे और शिक्षा को केंद्र में देख-पढ़ सकते हैं। अपनी राय बेधड़ यहां साझा कर सकते हैं। बेहिचक, बेधड़क।
Friday, June 27, 2008
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शिक्षकीय दुनिया की कहानी के पात्र
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