Thursday, August 28, 2014

हर बात को ध्यान से सुनो

हर बात को ध्यान से सुनो
कौशलेंद्र प्रपन्न
First Published:27-08-14 10:17 AM
Last Updated:27-08-14 10:17 AM
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कई बार तुम्हें कक्षा में सुनने का मिलता है कि तुम ध्यान से सुन नहीं रहे हो। ध्यान से सुनो। सुनोगे नहीं तो बात समझ में नहीं आएगी।
कभी तुमने सोचा है कि समझने के लिए सुनना क्यों जरूरी है? क्यों अक्‍सर हम कहते हैं कि ध्यान से सुनना चाहिए। अगर अच्छे वक्ता बनना चाहते हो तो सुनने की आदत डालनी चाहिए। इससे हमारे बोलने के तौर-तरीके भी सुधरते हैं। हमें मालूम पड़ता है कि इस बात को और कैसे सुंदर तरीके से बोला जा सकता है।
सुनने की आदत डालने से बोलने की कला भी विकसित होती है। जब भी कक्षा में या कहीं भी कोई वक्ता बोल रहा होता है तो ध्यान से उसे सुनना भी एक कला है।
अगर तुम चाहते हो कि बोलने वाले की बात को काटना है या तर्क करना है तो उसके लिए बोलने वाले की हर बात को ध्यान से सुनना बेहद जरूरी है, वरना बोलने वाला कह सकता है कि मैंने तो ऐसा कहा ही नहीं। आपने ठीक से मेरी बात नहीं सुनी। इस आरोप से तभी बचा जा सकता है, जब तुम कहने वाले की बात को गौर से सुनोगे। सुनने से दूसरों के विचारों को जाना जा सकता है। इससे तुम्हारे ज्ञान में वृद्धि होती है।
कैसे और कितना सुनो? सुनने के लिए जरूरी है कि एक बोलने वाला भी हो। वह किस विषय पर किस गंभीरता से बोल रहा है, यह भी जरूरी है। सुनने वाले की रुचि की बात की जाए तो सुनने वाले का ध्यान खुद ब खुद बोलने वाले की ओर चला जाता है। कई बार बोलने वाले की सुस्तता की वजह से भी सुनने वाले को अच्छा नहीं लगता।
जब तुम कक्षा में बैठे हो तो कक्षा में बताई जाने वाली बातों को ध्यान से सुनने की आदत डालो। इससे तुम्हारी काफी सारी समस्याएं हल हो जाएंगी। कक्षा में विषय को पढ़ाते वक्त मैडम बातों ही बातों में कई ऐसी बातें कह जाती हैं, जो न केवल तुम्हारे विषय की समझ के लिए जरूरी होती हैं, बल्कि जीवन में भी काम आती है। सुनते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बोलने वाला क्या बोल रहा है और क्यों बोल रहा है। कक्षा में पढ़ाए गए विषय को दूसरे को सुनाना और दूसरे से उस विषय को सुनने से ज्यादा याद होता है। 

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