Thursday, May 26, 2011

तोहमत लगा का कहना...

तोहमत लगा का कहना...
कुछ तो नहीं कहा , अक्सर ही हम लोग जब भी किसी से फ़ोन पर बात करते हैं सीधे सिकवा के लहजे में - आज कल बड़े हो गए। आज जी कैसे याद आ गई। सवाल तो फेक दिए जाते हैं मगर यदि यही सवाल लपेट कर आगे सरका दिया तो मुह सूज जाता है।
कितना बेहतर हो कि सिकवा की जगह कुछ बात की जाए।
अक्सर हम शिकायत में सुनहरा पल गवा देते हैं।

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