Saturday, September 26, 2009

रावन ज़यादा ही शर्म्स्सर था

आज रावन ज़यादा ही शर्म्स्सर था, कहने लगा मैंने तो सीता का इक बार ही अपहरण किया था मगर इक बार भी ग़लत नज़र नही डाला। मगर अज कल तो लड़कियों की कोई कहे औरत भी महफूज़ नही। सामूहिक रैप होता है। क्या ज़माना है। मुझे लोग हर साल दहन करते हैं मगर ख़ुद के अन्दर झक कर नही देखते।

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