Monday, December 28, 2009

बात हमने जहाँ रोक कर चले गए थे वहीँ से आगे की यात्रा आरम्भ करते हैं। हम बात कर रहे थे कि २००९ में क्या कुछ घटा क्या बढ़ पाया इसके बारे में संषेप में चर्चा की जाये। तो हम क्यों न भारत से ही शुरू करें।
इस साल देश में आम चुनाव हुवा जिसमे कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई। कांग्रेस के खाते में ज्यादा तो वोट नहीं गिरे लेकिन राज्य में सरकार बनाने की बारी को हाथ से जाने नहीं दी।
सरकार तो बनी। लेकिन संसद में सांसदों की हाज़री बेहद चिंता वाली रही। लोक सभा और राज्य सभा दोनों ही सदनों में सांसदों की गैर हाज़री को स्पीकर ने ले कर सभी दलों के प्रमुख से चिंता प्रगट की। जिस पर कांग्रेस की आला कमान ने नेतावों जो हाज़िर नहीं थे उनसे कारन बताने को कहा। गौर तलब है की संसद में इक दिन करवाई पर ७०, ८० लाख रुपया खर्च आता है। ज़रा सोच कर देखे इक दिन में अगर तीन बार भी संसद अवरुद्ध होती है तो देश को कितना नुकशान होता है। आम जनता की खून पसीने की कमाई को यूँ जाया कैसे कर सकते हैं।
अब हम बात करते हैं अपने प्रधान मंत्री मनमोहन जी को अमरीका में ओबामा सरकार ने खासकर अपने पद ग्रहण के बाद किसी राजनायक को भोज पर आमंत्रित कर देश की शान यानि पहले देश को न्योता मिलना वाकई महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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