कहे जाएंगे
उड़
और
उड़।
कहे जाएंगे
उड़ना ही नहीं आता
नए नए पांख मिले हैं
उड़ने की ख़्वाहिश पाले हैं।
जब हर पल पांख
कतरे जाते हों
कहे जाते हों
उड़ तो ज़रा।
पंख कतर कर
कहते हैं
उड़ तो ज़रा
दिखा अपनी उड़ान।
जब तुम्हारे पर कतर दिए जाएंगे
और कहा जाएगा
उड़ान तो भर
असफल होकर
गिरेंगे जमीं पर
हंसेंगे
नाचेंगे
उड़ना नहीं आता।
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