कुछ बरस पहले मेरे शहर में इक जनांदोलन हुवा। युवा जन जो मांग कर रहे थे की हमारा शहर भी कुछ कम नहीं। ५ सिनेमा हाल है. कॉलेज स्कूल हैं , कोर्ट है , क्या नहीं है इस शहर में , फिर हमने क्या बुरा किया की हम ख़ास पिज़्ज़ा शॉप , ख़ास इंग्लिश लैटर की दुकान में बर्गर नहीं खा सकते।।।
बात मौजू थी. शहर के नेता , डीएम सब के सब परेशां। क्या करें। रोड जाम , सड़क पर युवा वर्ग क्रोधित घूम रही है इन्हें शांत करना पड़ेगा।
सो साहिब इक दिन देखें इक माह के भीतर पुरे शहर के नामी चौराहों पर पिज़्ज़ा और इंग्लिश लैटर के बर्गर की ठंढी हवा वाली दुकान खुल गई.
आज मेरा शहर ही नहीं बल्कि देश के दूर दराज कस्बाई इलाकों में भी इन दुकानों को देखा जा सकता है।
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