श्रीनगर में कुछ स्कूल के बचों से मुलाकात हुई. उनसे शिक्षा स्कूल और विभिन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई. शालीमार बाघ में बचों ने लोकल गीत भी सुनाये जो गहरे उतर गया.
इक ६ साल की अमिन वाणी जो की १ ली कक्षा में पढ़ती है वो अपने घर से २० किलो मीटर दूर स्कूल में जाती है. सरकारी स्कूल की बदहाली से मजबूर उसके घर वाले महंगे निजी स्कूल में भेजते हैं. हलाकि शिक्षा का कानून श्रीनगर जम्मे पर लागु नहीं होता लेकिन सरकारी स्कूल की स्थिथि कुछ अची नहीं है.
पहलगाम , गुलमर्ग , अनंतनाग जिलों में भी स्कूल तो हैं पर न टीचर प्राप्यत हैं और न बच्चे ही जाते हैं. यूँ तो रोड पर सरकारी किस्म के ड्रेस में बच्चे दिखाई दिए मगर अधिकांस लोग बच्चों को निजी स्कूल में भेजते हैं.
राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग की पहल पर कश्मीर में राज्य आयोग बनाने की पहलकदमी चल रही है. यहाँ भी आयोग बन जाये तो बेहतर हो.
इक ६ साल की अमिन वाणी जो की १ ली कक्षा में पढ़ती है वो अपने घर से २० किलो मीटर दूर स्कूल में जाती है. सरकारी स्कूल की बदहाली से मजबूर उसके घर वाले महंगे निजी स्कूल में भेजते हैं. हलाकि शिक्षा का कानून श्रीनगर जम्मे पर लागु नहीं होता लेकिन सरकारी स्कूल की स्थिथि कुछ अची नहीं है.
पहलगाम , गुलमर्ग , अनंतनाग जिलों में भी स्कूल तो हैं पर न टीचर प्राप्यत हैं और न बच्चे ही जाते हैं. यूँ तो रोड पर सरकारी किस्म के ड्रेस में बच्चे दिखाई दिए मगर अधिकांस लोग बच्चों को निजी स्कूल में भेजते हैं.
राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग की पहल पर कश्मीर में राज्य आयोग बनाने की पहलकदमी चल रही है. यहाँ भी आयोग बन जाये तो बेहतर हो.
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